भारत को मिला पहला राफेल, खुद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया रिसीव

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भारतीय वायुसेना (IAF) को पहला राफेल (Rafale) फाइटर प्लेन मिल गया है. खुद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह राफेल (Rafale) की फैक्ट्री में पहुंचकर इस फाइटर प्लने को रिसीव किया. राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) फ्रांस की वायुसेना के फाइटर प्लेन में सवार होकर राफेल (Rafale) की फैक्ट्री में पहुंचे हैं. उन्होंने यहां फैक्ट्री का जायजा लिया. इसके बाद फ्रांस ने औपचारिक रूप से भारत को पहला राफेल (Rafale) (Rafale) सौंप दिया. राफेल (Rafale) रिसीव करने से पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन भाषण में कहा कि तय समय पर राफेल (Rafale) मिलना खुशी की बात है. भारतीय सुरक्षा बलों के लिए आज ऐतिहासिक दिन है. राफेल (Rafale) के आने से भारत की शक्ति बढ़ेगी. इस डील से भारत और फ्रांस के रिश्ते को एक नया मुकाम मिलेगा।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) विजयादशमी के शुभ अवसर पर फ्रांस की राजधानी पेरिस में भारतीय परंपरा के अनुसार राफेल (Rafale) (Rafale) की शस्त्र पूजा करेंगे. विधिवत शस्त्र पूजा के बाद रक्षामंत्री फ्रांस की कंपनी दसॉ से खरीदे गए लड़ाकू विमान राफेल (Rafale) (Rafale) का अधिग्रहण करेंगे और विमान में उड़ान भी भरेंगे. राफेल (Rafale) (Rafale) उन्नत प्रौद्योगिकी से लैस लड़ाकू विमान है. दसॉ के साथ हुए सौदे की पहली खेप में भारत विजयादशमी के मौके पर 36 राफेल (Rafale) (Rafale) विमान हासिल करेगा।

भारत में शस्त्र पूजा की परंपरा अनादिकाल से चली आ रही है. महाराणा प्रताप की इस धरती पर राजपूत राजा दुश्मनों को रणभूमि में छक्के छुड़ाने से पहले अस्त्र-शस्त्र की पूजा करते रहे हैं. इसी परंपरा का पालन करते हुए भारतीय सेना में भी विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजा की जाती है. शायद इसी परंपरा को निभाने के लिए राफेल (Rafale) (Rafale) विमान का अधिग्रहण विजया दशमी के दिन हो रहा है।

एक स्क्वाड्रन में 16 से 18 लड़ाकू विमान

फ्रांस से आने वाले 36 विमानों को दो स्क्वाड्रन में बांटा जाएगा. एक स्क्वाड्रन में 16 से 18 लड़ाकू विमान रखे जाते हैं. पहले स्क्वाड्रन को पाकिस्तान से मुकाबले के लिए अंबाला में और दूसरे को चीन से मुकाबले के लिए पश्चिम बंगाल के हाशिमपुरा में तैनात किया जाएगा. इस विमान की मारक क्षमता से लेकर रफ्तार और अन्य खूबियां सभी दमदार हैं. इसकी अधिकतम रफ्तार 2,390 किमी प्रति घंटा है. इस विमान की खासियत यह है कि यह राडार की पकड़ में नहीं आता।

पूजा करते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

इंडियन एयरफोर्स में 836 विमान हैं

अभी भारतीय वायु सेना के पास 31 स्क्वाड्रन लड़ाकू विमान हैं. राफेल (Rafale) मौजूदा विमानों के लड़ाकू विमानों के मुकाबले लंबाई-चौड़ाई में कम और हल्के वजन वाला है. इसकी लंबाई 15.27 मीटर, ऊंचाई 5.34 मीटर और इसके विंगस्पैन 35.4 फीट हैं. टू सीटर राफेल (Rafale) के बिना हथियारों के वजन 10,300 (करीब 10 टन) है. वहीं हथियारों के साथ इसका वजन 14,016 किलोग्राम हैं और इसकी रेंज 1,000 नॉटिकल मील है. अभी इंडियन एयरफोर्स में 836 विमान हैं, जिनमें से 450 विमान ही युद्ध में भूमिका निभाने लायक हैं. इसके आने से भारतीय वायु सेना की मजबूती और मारक क्षमता में बढ़ोतरी होगी।

एक नजर में राफेल (Rafale) की खूबियां

  • राफेल (Rafale) विमान एक बार में करीब 26 टन (26 हजार किलोग्राम) वजन ले जा सकता है।
  • यह विमान 3,700 किलोमीटर के रेडियस में कहीं भी हमला करने में सक्षम है।
  • यह 36 से 60 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है और यहां तक महज एक मिनट में पहुंच सकता है।
  • एक बार फ्यूल भरने पर यह लगातार 10 घंटे की उड़ान भर सकता है।
  • इस विमान से हवा से जमीन और हवा से हवा में दोनों में हमला किया जा सकता है।
  • राफेल (Rafale) पर लगी गन एक मिनट में 125 फायर करने में सक्षम है और यह हर मौसम में लंबी दूरी के खतरे को भांप लेता है।

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