बारिश के साथ डेंगू ने भी तोडे रिकार्ड

Uncategorized स्वास्थ्य

भोपाल । चालू मानसूनी सीजन में जहां बारिश ने अपने पिछले रिकार्ड ध्वस्त कर दिए हैं, वहीं डेंगू की बीमारी ने भी नए रिकार्ड कायम किए है। गत सितंबर महीने में डेंगू के रिकार्ड तोड 380 मरीज अस्पताल पहुंचे। इसके पहले एक महीने में सबसे ज्यादा 288 मरीज अक्टूबर 2017 में मिले थे। सितंबर 2017 में डेंगू के 243 मरीज मिले थे। इस साल अब तक का आंकड़ा 380 तक पहुंच गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस साल देर तक बारिश के चलते अक्टूबर-नवंबर में मरीजों की संख्या और बढ़ेगी। पिछले सालों के आंकड़े देखें तो डेंगू मरीजों की सबसे ज्यादा संख्या अक्टूबर में रहती थी। इस साल सितंबर में ही सारे रिकार्ड टूट गए हैं। अभी तक दिवाली के बाद मरीज कम होने लगते थे, पर इस साल नवंबर आखिर तक यही स्थिति रहने की उम्मीद है। गनीमत इस बात की है इस साल डेंगू होमोरेजिक फीवर के केस नहीं हैं। डेंगू बुखार की इस अवस्था में मौत का डर भी रहता है। डेंगू मरीज मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम लार्वा सर्वे कर रही है। रोजाना करीब डेढ़ हजार घरों में लार्वा सर्वे किया जा रहा है। इममें 20 फीसदी घरों में लार्वा मिल रहा है। हर दिन 15 से 20 मकान मालिकों पर जुर्माना किया जा रहा है।
     सोनागिरी स्थित बीमा अस्पताल में लार्वा मिलने पर 10 हजार रुपए जुर्माना किया गया था। कई घरों में चौथी बार लार्वा मिला है, इसके बाद भी उन पर जुर्माना नहीं किया जा रहा है। इस बारे में भोपाल सीएमएचओ डॉ. सुधीर डेहरिया का कहना है कि इस साल लगातार बारिश के चलते मरीजों की संख्या ज्यादा है। विभाग ज्यादा प्रभावित कॉलोनियों में विशेषज्ञ शिविर लगाकर रोकथाम कर रहा है। लार्वा सर्वे भी लगातार किया जा रहा है। डेंगू से डरने की जरूरत नहीं है। यह सामान्य वायरल इंफेक्शन की तरह ही है। डेंगू से बचाव के लिए एक्सपर्टस की सलाह है कि फुल कपड़े पहनें। कूलर, गमला, चिड़ियों के बर्तन टंकियों का पानी हर हफ्ते बदलें। पानी के कंटेनरों में कीड़े की तरह तैरते हुए लार्वा दिखेंगे तो उन्हें मारने के लिए सरसों का तेल डालें। दिन में मच्छरदानी लगाएं। तेज बुखार के साथ सिरदर्द, शरीर में लाल चकत्ते या दांत से खून आ रहा हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।  डेंगू होने पर एस्प्रिन दवा न लें। इस बीमारी के लक्षण में सिर दर्द के साथ तेज बुखार, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, उल्टी, शरीर में लाल चकत्ते या रेशे, दांतों से खून आना प्रमुख है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *