देश में हाइड्रोजन ट्रेनों की शुरुआत पर आगे बोलते हुए रेलमंत्री ने बताया कि बजट हरित विकास पर केंद्रित है, इसलिए रेलवे हाइड्रोजन ट्रेन के साथ भी योगदान देगा जो दिसंबर 2023 तक आएगी और भारत में डिजाइन और निर्मित की जाएगी। सबसे पहले, यह कालका-शिमला जैसे हेरिटेज सर्किट पर चलेगी और बाद में इसका अन्य स्थानों पर विस्तार किया जाएगा।हाइड्रोजन ट्रेन दिसंबर 2023 तक बनकर हो जाएगी तैयार
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आम बजट 2023-24 में भारतीय रेलवे के लिए अब तक का सबसे अधिक 2.41 लाख करोड़ रुपए के आवंटन को बड़ा बदलाव बताते हुए कहा कि यह यात्रियों की आकांक्षाओं को पूरा करने में मददगार होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे दिसंबर 2023 तक अपने नैरो गेज विरासत मार्गों पर हाइड्रोजन ट्रेनें चलाएगा।
हाइड्रोजन ट्रेन क्या है?
हाइड्रोजन ट्रेन हाइड्रोजन ईंधन से चलती है. इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे जीरो प्रदूषण होता है. इन ट्रेनों को कहीं भी तैनात किया जा सकता है।
पूरी तरह से भारत में डिजाइन और निर्मित होगी हाइड्रोजन ट्रेन
रेल मंत्री ने बजट की थीम में शामिल ग्रीन ग्रोथ को लेकर कहा कि हाइड्रोजन ट्रेन आत्मनिर्भर भारत की मिसाल है। उन्होंने कहा कि हाइड्रोजन ट्रेन दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगी जोकि पूरी तरह से भारत में डिजाइन और निर्मित होगी। पहले यह कालका-शिमला जैसे हेरिटेज सर्किट पर चलेगी और बाद में अन्य स्थानों पर इसका विस्तार किया जाएगा।
शुरुआती रूट जहां हाइड्रोजन ट्रेनें चलेंगी
इस पहल के बारे में बात करते हुए, वैष्णव ने कहा कि नई ट्रेनें महाराष्ट्र में कालका-शिमला रेलवे, नीलगिरि माउंटेन रेलवे, दार्जिलिंग हिल्स, कांगड़ा रेलवे, बिलिमोरा वाघई, महू-पातालपानी, मारवाड़-देवगढ़-मद्रिया और माथेरान हिल रेलवे के रूटों पर चलेंगी।