प्रयागराज में राजूपाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की दिनदहाड़े हत्या के मामले की गूंज सीबीआई मुख्यालय तक हुई है। मुख्यालय ने लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच से पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट तलब की है। साथ ही अतीक अहमद के खिलाफ दर्ज मुकदमों की वर्तमान स्थिति से अवगत कराने को कहा है। ध्यान रहे कि लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने अतीक अहमद के खिलाफ दो केस दर्ज किए है।
राजूपाल हत्याकांड की स्थानीय पुलिस और सीबीसीआईडी से जांच होने के बाद अदालत के आदेश पर सीबीआई ने जांच कर आरोप पत्र दाखिल किया था। लखनऊ में सीबीआई की विशेष अदालत ने बीते अक्तूबर महीने में अतीक समेत दस आरोपियों के खिलाफ आरोप भी तय किए थे। इस दौरान अतीक को कड़ी सुरक्षा में गुजरात की साबरमती जेल से लखनऊ लाया गया था।
अतीक ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बहादुर और ईमानदार मुख्यमंत्री बताया था। इस प्रकरण में भी अदालत में अंतिम दौर की सुनवाई होना बाकी है। वहीं दूसरा मामला देवरिया जेल में लखनऊ के व्यापारी को बंधक बनाकर मारपीट करने और उसकी कंपनी को अपने नाम कराने से जुड़ा है। इस मामले की जांच अभी सीबीआई कर रही है। उसने अतीक के पुत्र उमर की गिरफ्तारी पर ढाई लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया किया था। बीती 22 अगस्त को उमर ने लखनऊ की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसके बाद से वह लखनऊ जेल में बंद है।
कील-कांटे होने लगे दुरुस्त
राजूपाल हत्याकांड के गवाह की हत्या के बाद सीबीआई ने अतीक और उसके करीबियों के खिलाफ दर्ज मुकदमों के कील-कांटे दुरुस्त करने शुरू कर दिए है। राजूपाल हत्याकांड में जल्द सुनवाई के लिए कवायद की जा रही है तो देवरिया जेल कांड को लेकर भी अधिकारियों ने जरूरी कार्यवाही करनी शुरू कर दी है। इस प्रकरण में सीबीआई ने अतीक के प्रयागराज स्थित आवास पर भी छापा मारा था और देवरिया जेल के अधिकारियों से पूछताछ की थी।