गोरखपुर: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, गीता प्रेस साहित्य का मंदिर है

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गोरखपुर: राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि गीता प्रेस, प्रेस नहीं, बल्कि यह साहित्य का मंदिर है. सनातन धर्म को बचाए रखने का जितना योगदान है, उसमें गीता प्रेस का योगदान कम नहीं है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज यानी शनिवार को गोरक्षनगरी में धर्म, अध्यात्म और प्रकृति के संगम से रूबरू हुए. उनकी अगवानी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार शाम को ही यहां पहुंच गए थे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गीता प्रेस का भ्रमण किया. वे गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह का शुभारंभ करते हुए आर्ट पेपर पर छपी श्रीराम चरितमानस के विशेष अंक व गीता तत्व विवेचनी का विमोचन करने के साथ यहां के लीलाचित्र मंदिर का अवलोकन किया.

राष्ट्रपति बोले, इच्छा है कि फिर गीता प्रेस देखने आऊं…
राष्ट्रपति ने कहा कि निश्चित रूप से जिस उद्देश्य के लिए गीता प्रेस की स्थापना हुई थी वह उसके शताब्दी वर्ष में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है. विभिन्न भाषाओं में इसका प्रकाशन, भागवत गीता, रामचरितमानस समेत तमाम धार्मिक छोटे-बड़े ग्रंथों का मुद्रण का यह केंद्र सैकड़ों मजदूरों की जीविका का साधन है. वह गीता प्रेस के भ्रमण से अभी संतुष्ट नहीं हैं. इच्छा है कि एक बार फिर आएं और गीताप्रेस देखें. राष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी जमकर तारीफ की. कहा कि गोरक्षपीठ जिसके उत्तराधिकारी की भूमिका योगी आदित्यनाथ निभा रहे हैं, उस पीठ का धर्म और शासन में बड़ा सहयोग दिखाई देता है. राष्ट्रपति ने इस दौरान महिलाओं के सम्मान की बात कही. कहा कि उनकी इच्छा है कि गीता प्रेस से निकलने वाले ग्रंथ देश में मौजूद सभी दूतावासों तक पहुंचे. इससे विश्व स्तर पर इनकी पहचान बन सके.

राष्ट्रपति पांच जून को कबीर दास की साधना स्थली मगहर जाएंगे

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पांच जून को सुबह कबीर दास की साधना स्थली मगहर जाएंगे. संत कबीर की समाधि पर श्रद्धा निवेदित करने के साथ ही राष्ट्रपति संतकबीर अकादमी व शोध संस्थान और विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण भी करेंगे. उल्लेखनीय है कि योगी सरकार संत कबीर की साधना स्थली को महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित कर रही है. इसके दृष्टिगत यहां संतकबीर अकादमी, शोध संस्थान, म्यूरल गैलरी, इग्जीविशन सेंटर, पाथवे, कैफेटेरिया, लाइफ एंड साउंड, व्याख्यान केंद्र, घाटों का विकास, संगीतमय फव्वारा, प्रदर्शनी क्षेत्र, सार्वजनिक सुविधाएं, मार्ग, स्मारकों की रोशनी, बोटिंग के समय सुरक्षा उपकरण, पार्को की ग्रीनरी आदि कार्य कराए गए हैं.

गीता प्रेस का भ्रमण करने के उपरांत राष्ट्रपति कोविंद नाथ संप्रदाय के विश्व प्रसिद्ध मठ गोरखनाथ मंदिर जाएंगे. राष्ट्रपति मंदिर में शिवावतारी गुरु गोरखनाथ का दर्शन-पूजन करेंगे. गोरखनाथ मंदिर से निकलकर राष्ट्रपति रामगढ़ताल पहुंचेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से बेहद खूबसूरत पर्यटन स्थल के रूप में विकसित इस नैसर्गिक ताल का सौंदर्य देखने के साथ ही वे राज्यपाल और मुख्यमंत्री के संग मनमोहक साउंड एंड लाइट शो का भी आनंद उठाएंगे. ताल क्षेत्र में राष्ट्रपति के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण की तरफ से एक स्पेशल बोट की व्यवस्था की गई है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ऐसे पहले राष्ट्रपति हैं, जो तीसरी बार गोरखपुर आए हैं. इसका श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है. रामनाथ कोविंद बतौर राष्ट्रपति सबसे पहले 10 दिसम्बर 2018 को गोरखपुर आए थे. तब वे महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सम्मिलित हुए थे. गोरखनाथ मंदिर जाकर गुरु गोरक्षनाथ की आराधना की थी. इसके बाद उनका गोरखपुर आगमन 28 अगस्त 2021 को हुआ था. तब उन्होंने महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास और महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया था.

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