इंदौर:मध्य प्रदेश में भाजपा ने राज्यसभा के लिए कविता पाटीदार को उम्मीदवार बनाया है। कविता के नाम के ऐलान के साथ ही पार्टी ने चुनावी समीकरण साधने की कोशिश की है। न सिर्फ राज्यसभा बल्कि भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में होने वाले निकाय, पंचायत और विधानसभा चुनावों तक के लिए संदेश देने की कोशिश की है। आइए जानते हैं आखिर क्या है इसके पीछे की मंशा और रणनीति…
ओबीसी वर्ग को साधने की कोशिश
राज्यसभा के लिए उम्मीदवार कविता पाटीदार स्वर्गीय भेरूलाल पाटीदार की बेटी हैं। भेरूलाल पाटीदार सुंदरलाल पटवा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। फिलहाल कविता भाजपा की प्रदेश महामंत्री हैं। इससे पहले वह इंदौर जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। बताया जाता है कि कविता की आरएसएस में भी बेहद मजबूत पकड़ा है। ओबीसी तबके से ताल्लुक रखने वाली कविता को राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने इस तबके को साधने की कोशिश की है। बता दें कि ओबीसी वर्ग को लेकर मध्य प्रदेश में काफी ज्यादा विवाद की स्थिति रही है। कोर्ट का फैसला आने के बाद भी कांग्रेस ओबीसी आरक्षण को लेकर लगातार भाजपा पर हमलावर रही है। ऐसे में कविता का नाम घोषित कर भाजपा ने मामला बैलेंस करने की है। वहीं अपने नाम के ऐलान के बाद कविता पाटीदार ने ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने कहाकि केन्द्रीय नेतृत्व ने जो जिम्मेदारी सौंपी है उसका पूर्ण रूप से निर्वहन करूंगी। आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद। हृदय से आभार।
राज्यसभा से विधानसभा पर नजर
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में जल्द ही निकाय और पंचायत चुनाव होने हैं। इसके अलावा अगले साल विधानसभा चुनाव भी हैं। ऐसे में भाजपा की कोशिश है कि ओबीसी वर्ग उससे छिटकने न पाए। वहीं महिला वर्ग पर निगाह रखने के साथ ही और मालवा-निमाड़ क्षेत्र में भी पार्टी खुद को मजबूत बनाकर रखना चाहेगी। इसके अलावा कविता के नाम ऐलान के साथ भाजपा ने एक और बड़ा संदेश दिया है। असल में कविता पाटीदार को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयर्गीय का करीबी माना जाता है। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान और कैलाश विजयवर्गीय के बीच सबकुछ बहुत अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसे में कविता के नाम का ऐलान कर भाजपा ने संदेश देने की कोशिश की है कि पार्टी के हितों के ऊपर कोई भी नहीं है।