लखनऊ: राजधानी में कोरोना महामारी और आगामी त्योहारों को देखते हुए धारा 144 लागू की गई है. लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) पीयूष मोर्डिया ने कई अहम दिशानिर्देश जारी करते हुए 10 मई 2022 तक धारा 144 लागू की है. निर्देश में कहा गया है कि बिना मास्क के कोई दिखता है, तो उससे जुर्माना वसूला जाएगा. वहीं, धरना प्रदर्शन पर इस दौरान रोक रहेगी.
संयुक्त पुलिस आयुक्त पीयूष मोर्डिया ने लखनऊ में धारा 144 लागू करते हुए कई जरूरी दिशा निर्देश जारी किए. जारी दिशा निर्देशों के अनुसार, शहर में रेस्तरां, सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, होटल आदि पूरी क्षमता के साथ खुले रहेंगे. लेकिन कोविड हेल्प डेस्क होना जरूरी होगा. धार्मिक स्थलों और धार्मिक संस्थानों में कोविड हेल्प स्थापित कर मास्क का प्रयोग कराया जाए.
विधानभवन के आसपास 1 किलोमीटर के दायरे में ट्रैक्टर-ट्राली, बैलगाड़ी, घोड़ागाड़ी, ज्वलनशील पदार्थ, सिलेंडर, घातक पदार्थ, हथियार आदि लेकर आवागमन पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित रहेगा. साथ ही इस परिधि में किसी भी प्रकार के धरना-प्रदर्शन पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित होंगे. इस प्रकार के वाहनों एवं वस्तुओं के प्रवेश तथा धरना-प्रदर्शन किये जाने पर धारा 144 सीआरपीसी का उल्लंघन मानते हुए कार्रवाई की जाए.
सरकारी दफ्तरों और विधानसभा भवन के ऊपर और आस-पास एक किमी के दायरे में ड्रोन से शूटिंग करना पूरी तरह से प्रतिबन्धित होगा. अन्य स्थानों पर भी पुलिस आयुक्त या फिर संयुक्त पुलिस आयुक्त की अनुमति के बिना किसी प्रकार के ड्रोन कैमरे से शूटिंग या फोटोग्राफी नहीं की जायेगी.
कोई भी व्यक्ति पुलिस आयुक्त लखनऊ, संयुक्त पुलिस आयुक्त, पुलिस उपायुक्तों की अनुमति प्राप्त किये बिना न तो 5 या इससे अधिक व्यक्तियों का किसी प्रकार का कोई जुलूस निकालेगा न ही सार्वजनिक स्थान पर 5 या इससे अधिक व्यक्तियों का समूह बनायेगा और न ही ऐसे किसी समूह में सम्मिलित होगा.
कोई भी व्यक्ति मास बिना पहने घूमने/सार्वजनिक स्थानों पर उपस्थित व सार्वजनिक स्थानों में थूकने पर नियमानुसार विधिक कार्रवाई करते हुए जुर्माना वसूला जाएगा. किसी धार्मिक स्थल, सार्वजनिक स्थल, जुलूसों अन्य आयोजनों पर लाउडस्पीकर की ध्वनि की तीव्रता के सम्बन्ध में ध्वनि प्रदूषण (विनिमय और नियंत्रण), नियम-2000 यथा संशोधित के प्रावधानों का अनुपालन आवश्यक होगा. रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं किया जायेगा.
सर्वोच्च न्यायालय के ध्वनि के सम्बन्ध में दिए गए दिशा-निर्देशों का अनुपालन करना आवश्यक होगा. अपरिहार्य स्थिति में अनुमति पुलिस आयुक्त या संयुक्त पुलिस आयुक्त (अधोहस्ताक्षरी) या पुलिस उपायुक्त जोन से लेनी होगी. कोई भी व्यक्ति लखनऊ कमिश्नरेट की सीमा के अन्दर लाठी, डंडा (अन्धे व अपाहिज व्यक्तियों तथा सिख धर्म द्वारा रखे जाने वाले कृपाण को छोड़कर), तेज धार वाले चाकू और नुकीले शस्त्र जैसे- तलवार, बरछी, गुप्तियां, कटार, फरसा, संगीन, त्रिशूल और अग्नेयास्त्र, ज्वलनशील पदार्थ, घातक हथियार लेकर नहीं चलेगा और न ही किसी सार्वजनिक स्थान पर प्रदर्शित करेगा.
ड्यूटीरत पुलिस कर्मी या अर्द्ध सैनिक बल पर ये प्रतिबन्ध लागू नहीं होंगे. कोई भी व्यक्ति एक दूसरे के धर्म ग्रन्थों का अपमान नहीं करेगा. धार्मिक स्थानों, दीवारों पर किसी प्रकार के धार्मिक झंडे, बैनर, पोस्टर नहीं लगायेगा और न ही किसी को इस काम में सहयोग प्रदान करेगा.
लखनऊ कमिश्नरेट सीमा के अन्दर किसी भी समुदाय के व्यक्ति के दूसरे समुदाय की भावनाओं के विपरीत ऐसा कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जायेगा, जिससे शांति भंग होने की आशंका हो और न ही दूसरे समुदाय के धार्मिक भावनाओं के विरूद्ध किसी प्रकार का उत्तेजनात्मक भाषण दिया जायेगा और न ही सोशल मीडिया के माध्यम से गलत सूचना एवं अफवाहें फैलाई जाएंगी.
कोई व्यक्ति किसी खुले स्थान पर अथवा मकानों की छतों पर ईंट, पत्थर, सोडावाटर की बोतल, ज्वलनशील पदार्थ अथवा कोई विस्फोटक सामग्री जमा नहीं करेगा और न रखेगा, जिसका प्रयोग आतंक उत्पन्न करने अथवा किसी हिंसात्मक गतिविधियों में किया जा सके. लखनऊ कमिश्नरेट क्षेत्र की सीमा के अन्दर कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई अनुचित मुद्रण/प्रकाशन जिससे साम्प्रदायिक तनाव अथवा समुदायों के बीच वैमनस्य उत्पन्न हो, नहीं करेगा. कोई भी व्यक्ति ड्यूटीरत पुलिस अधिकारी, कर्मचारीगण, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, सफाई कर्मी के साथ अभद्रता अथवा मारपीट करता है तो उसके विरुद्ध विधिपूर्ण कार्रवाई की जायेगी.