वाशिंगटन : भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और चार अमेरिकी सांसदों ने भारत में मानवाधिकारों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है. बुधवार को भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद की ओर से आयोजित एक वर्चुअल मीटिंग में डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर एड मार्के ने कहा कि भारत में अभी ऐसा माहौल बना है, जहां भेदभाव और हिंसा जड़ पकड़ सकती है. हाल के वर्षों में हमने ऑनलाइन नफरत भरे भाषणों में वृद्धि देखी है, इनमें मस्जिदों में तोड़फोड़, गिरजाघरों को जलाना और सांप्रदायिक हिंसा भी शामिल है. इस चर्चा में भाग लेते हुए पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने भी हिंदू राष्ट्रवाद की बढ़ती प्रवृत्ति पर अपनी चिंता जताई.
पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि देश में खासकर एक धर्म के लोगों को उकसाया जा रहा है. देश में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के नाम पर असहिष्णुता को हवा दी जा रही है और असुरक्षा का माहौल बनाया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि हाल के वर्षों में उन प्रवृत्तियों और प्रथाओं के उद्भव का अनुभव किया है, जो नागरिक राष्ट्रवाद के सुस्थापित सिद्धांत को लेकर विवाद खड़ा करती हैं और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की एक नई एवं काल्पनिक प्रवृति को बढ़ावा देती हैं. वह नागरिकों को उनके धर्म के आधार पर अलग करना चाहती हैं, असहिष्णुता को हवा देती हैं और अशांति एवं असुरक्षा को बढ़ावा देती हैं.
बता दें कि डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर मार्के का भारत विरोधी रुख अपनाने का इतिहास रहा है. उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाले शासन के दौरान भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते का भी विरोध किया था. इस चर्चा में अमेरिका के तीन सांसदों जिम मैकगवर्न, एंडी लेविन और जेमी रस्किन ने भी हिस्सा लिया. रस्किन ने पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की मौजूदगी में कहा कि भारत में धार्मिक अधिनायकवाद और भेदभाव के मुद्दे पर बहुत सारी समस्याएं हैं. हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारत हर किसी के लिए धार्मिक स्वतंत्रता, स्वतंत्रता, बहुलवाद, सहिष्णुता और असहमति का सम्मान करने की राह पर बना रहे.
सांसद एंडी लेविन ने कहा, अफसोस की बात है कि आज दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र पतन, मानवाधिकारों का हनन और धार्मिक राष्ट्रवाद को उभरते देख रहा है. 2014 के बाद से भारत डेमोक्रेटिक इंडेक्स में 27 से गिरकर 53 पर आ गया है . ‘फ्रीडम हाउस’ ने भारत को ‘स्वतंत्र’ से ‘आंशिक रूप से स्वतंत्र’ श्रेणी में डाल दिया है.
भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद की ओर जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के ‘टॉम लैंटोस मानवाधिकार आयोग’ के सह-अध्यक्ष मैकगवर्न ने कई चेतावनी भरे संकेतों की लिस्टिंग की है, जो भारत में मानवाधिकारों के ‘खतरनाक रूप से पतन’ को दर्शाते हैं.
भारत सरकार और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इन आरोपों का खंडन करती रही है.