अगर घूमने का है प्लान, तो इससे अच्छी कोई जगह नहीं, जानिए एमपी में क्या है खास

इंदौर भोपाल मध्यप्रदेश

भोपाल। मध्य प्रदेश देश का दिल है. यहां पर्वत, नदियां, जंगल और प्राकृतिक सौंदर्य सभी को अपनी ओर खींच लाता है.मध्य प्रदेश को कुदरत ने वो सब कुछ दिया है जो किसी पर्यटक को आकर्षित कर सकता है.

क्या नहीं है अपने MP में

मध्य प्रदेश में पर्यटन की अपार संभवानाए हैं. चारों और ऐतिहासिक किले, जंगल और प्राकृतिक छटाएं बिखरी हुई हैं. जिसे देखने के लिए लाखों लोग हर साल यहां आते हैं. किसी पर्यटक को यहां के महल अद्भुत लगते हैं. किसी को यहां के टाइगर रिजर्व खींच लाते हैं. कोई खजुराहों के मोहपाश में बंधा चला आता है. तो कोई यहां के मंदिरों में शांति ढूंढता है. 3 लाख 8 हजार 252 किलोमीटर के क्षेत्रफल में मध्य प्रदेश में हजारों सालों का इतिहास छिपा है.यहां मिलने वाली कलाकृतियां, मूर्तियां, स्तूप मंदिर लोगों को एक अनोखे युग में ले जाते हैं.

MP की पर्वत श्रंखलाएं और नदियां अद्भुत हैं

मध्यप्रदेश में विंध्य और सतपुड़ा की पर्वत श्रंखला इस प्रदेश को स्मरणीय और रमणीय दोनों बनाती हैं. यह पर्वत श्रंखलाएं कई नदियों को जन्म देती हैं.नर्मदा, चंबल, बेतवा, ताप्ती, सोन, महानदी का उद्गम स्थल इन्हीं पर्वत श्रंखलाओं में है. ये नदियां भारत के कई प्रदेशों को जोड़ती हैं. लोग इनकी पूजा करते हैं. इन नदियों के कारण ही मध्य प्रदेश खूबसूरत और पर्यावरण की दृष्टि से हरा-भरा प्रदेश बना हुआ है.

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का जवाब नहीं

मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरें बेजोड़ हैं. शिल्पकला और मूर्तिकला से सजे मंदिर, स्तूप और स्थापत्य कला के मामले में दुनियाभर में मध्य प्रदेश का नाम है. खजुराहो, भीमबैठका और सांची विश्व धरोहरों में शामिल हैं. यहां महल और किलों की भरमार है. इन किलों और महलों के ऊपर उस समय के वैभवशाली इतिहास और महान योद्धाओं के चित्र उकेरे गए हैं. मध्य प्रदेश सिर्फ योद्धाओं की ही नहीं, शिल्पकारों, कवियों और संगीतज्ञों की स्थली रही है.

एमपी में धार्मिक पर्यटन की असीम संभावनाएं

मध्य प्रदेश कई राज्यों से घिरा हुआ है. महाराष्ट्र ,उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात ,छत्तीसगढ़ की सीमाएं एमपी से लगती हैं. इस कारण यहां कई राज्यों की संस्कृति, कला और धर्म का संगम है. मांडू (मांडव), अमरकंटक, चित्रकूट, पचमढ़ी,भेड़ाघाट, ओमकारेश्वर, महेश्वर, महाकाल उज्जैन, खुजराहो, ओरछा, मैहर प्रमुख हैं. पशुपतिनाथ का मंदिर मंदसौर में शिवना नदी के किनारे स्थित है.

जैन धर्म से जुड़ी कई ऐतिहासिक धरोहरें यहां हैं. इनमें बावन गजा बड़वानी 15 वी शताब्दी की 72 फीट ऊंची जैन भगवान आदिनाथ की मूर्ति आकर्षण का मुख्य केंद्र है.बैतूल जिले में मुक्तागिरी जैनियों का पवित्र तीर्थ स्थल है. खरगोन में पावागिरी, इंदौर में हिंगलाज गिरी, दतिया में सोनागिरी जैन धर्म के पवित्र स्थल हैं.

कवियों और संगीतकारों की धरा है मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश में गीत, संगीत और साहित्य काफी फला-फूला है. नाटककार कालिदास और प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन ने इस धरा पर जन्म लिया है.

एमपी ने टूरिज्म में जीता पुरस्कार

हाल ही में मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड की ग्रामीण पर्यटन परियोजना को वर्ल्ड ट्रैवल मार्ट के वर्ल्ड रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म अवॉर्ड-2021 में ‘सर्वश्रेष्ठ परियोजना’ का पुरस्कार मिला है. इंटरनेशनल रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म सेंटर ने प्रदेश के पर्यटन बोर्ड को ‘सर्वश्रेष्ठ पोस्ट कोविड पर्यटन गंतव्य विकास’ श्रेणी में पुरस्कार दिया है. मध्य प्रदेश ग्रामीण पर्यटन को भी इसी श्रेणी में अंचल स्तर पर ‘स्वर्ण पुरस्कार’ मिला है. राज्य पर्यटन बोर्ड ने महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन परियोजना के लिए भी एक पुरस्कार जीता है.

क्यों खास है मध्य प्रदेश

  • राष्ट्रीय उद्यान की संख्या – 9
  • वन्यजीव अभ्यारण्य की संख्या – 25
  • यूनेस्को विश्व विरासत स्थल – खजुराहो, भीमबेटका, सांची
  • जलक्षेत्र- इन्द्रासागर, बंसागर, तवा,
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम- खजुराहो नृत्य महोत्सव, मालवा उत्सव, तानसेन उत्सव, अल्लाउद्दीन संगीत उत्सव
  • ज्योतिलिंग- महाकालेश्वर, ओमकारेश्वर
  • मुगल वास्तुशिल्प- भोपाल, बुरहानपुर
  • वस्त्रशिल्प: बाघप्रिंट, चंदेरी और महेश्वर साड़ियां
  • ब्रॉड गेज रेल रेस्टोरेंट (भोपाल –एक्सप्रेस) – विश्व में एकमात्र
  • कारवां टूरिज्म – हॉलिडे ऑन व्हील
  • जल महोत्सव – हनुवान्तिया, बरगी, चोरल, भेडाघाट (संभावित)
  • फोटोग्राफी पर्यटन – बंसागर, गांधी सागर
  • दर्शन- बुद्धिस्ट सर्किट, हेरिटेज सर्किट, स्वदेश दर्शन, नर्मदा
  • प्रकाश, ध्वनि कार्यक्रम – ग्वालियर, ओरछा, खजुराहो, इंदौर, उज्जैन

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