स्वास्तिक का अर्थ है शुभ और अच्छा होना। स्वास्तिक कल्याणकारी और शुभ होता है। घर के सारे कष्टों को दूर करता है स्वास्तिक। मां लक्ष्मी और भगवान गणेश जी का प्रतीक चिन्ह होता है स्वास्तिक। इसलिए किसी भी पूजा को शुरू करने से पहले स्वास्तिक बनाया जाता है। घर पर बना स्वास्तिक चिन्ह दुख और संकट को टालता है।
लक्ष्मी होगी प्रसन्न
यदि घर में पैसों की तंगी होती है तो आप सिंदूर या कुमकुम के स्वास्तिक चिन्ह को घर के बाहर बनाएं। ऐसा करने से लक्ष्मी जी की कृपा आपके उपर बनती है और पैसों की कमी दूर होती है।
व्यापार में होगी तरक्की
आप सात गुरूवार घर के उत्तर पूर्वी कोनों पर गंगाजल डालें और वहां पर स्वास्तिक चिन्ह बनाएं। और गुड़ का प्रसाद भी चढ़ाएं। इस उपाय से व्यापर में तरक्की होती है।
मनोकामना पूरी होगी
यदि आप मनोकामना पूरी करना चाहते हैं तो किसी भी मंदिर में कुमकुम या गोबर का उल्टा स्वास्तिक चिन्ह बना लें और जैसे ही आपकी मनोकामना पूरी हो जाए तब आप मंदिर में सीधा स्वास्तिक बनाएं।
धन प्राप्त करने हेतु
धन चाहते हैं तो अपने घर की देहलीज की दोनों तरफ स्वास्तिक चिन्ह बना लें और उसके उपर मौली के धागे से बंधी हुई एक एक सुपारी स्वास्तिक के उपर रख दें।
घर में आती है शांति
अपने घर की उत्तर दिशा की दीवार पर हल्दी से स्वास्तिक चिन्ह बनाएं ऐसा करने से घर में सुख शांति आती है।
पितरों होंगे खुश
घर में गोबर से स्वास्तिक चिन्ह बनाने से घर में पितरों की कृपा और सुख व समृद्धि के साथ शान्ति भी आती है।
स्वास्तिक के इन उपायों को करने से आपको बहुत फायदा मिलता है। यदि आप चाहते हैं कि सभी तरह के कष्ट और रोग आपके घर से दूर हों तो आप इन बताए गए उपायों का सही प्रकार पालन करें।
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