नई दिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों और डाक्टरों द्वारा मरीजों से अधिक शुल्क लेने से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए वह एक तंत्र बनाएगा।जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना की पीठ ने केंद्र को नोटिस जारी करते हुए यह बात कही। याचिकाकर्ता अभिनव थापर की ओर से पेश अधिवक्ता कृष्ण बल्लभ ठाकुर ने कहा कि महामारी के दौरान मरीजों ने कई कठिनाइयों का सामना किया क्योंकि कई अस्पतालों और डाक्टरों ने उनसे अधिक शुल्क वसूला। पीठ ने कहा, ‘हम मुश्किलों को समझते हैं, चिंता मत कीजिए, हम कुछ करेंगे।’
पुलिस थाने नहीं हैं अस्पताल, हर वार्ड में कैमरे लगाने का आदेश नहीं दे सकते
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि अस्पताल पुलिस थाने नहीं हैं और वह देश के सभी अस्पतालों के हर वार्ड में सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश नहीं दे सकता क्योंकि इसमें निजता का मुद्दा भी शामिल है। इसके साथ ही जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना की पीठ ने गैर-सरकारी संगठन ‘आल इंडिया कंज्यूमर प्रोटेक्शन एंड एक्शन कमेटी’ की याचिका खारिज कर दी और स्पष्ट मांग के साथ फिर याचिका दाखिल करने को कहा।