चुनाव आयोग की बैठक शुरू ,मोदी-शाह और राहुल के खिलाफ शिकायतों पर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतों को लेकर चुनाव आयोग आज अहम बैठक कर रहा है। इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा की अध्यक्षता में एक समिति लोकसभा चुनाव के दौरान दिए नेताओं के भाषणों की समीक्षा करेगी।

इससे पहले कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से 10 बार मोदी और शाह की शिकायत की थी। उनका दावा था कि चुनावी रैलियों में सेना का जिक्र कर भाजपा नेता आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं। कांग्रेस का आरोप है कि आयोग ने शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की है। रविवार को कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा था कि चुनाव आयोग में ज्यादातर देश के नाकाम लोग हैं, जो सिर्फ भाजपा की ज्यादतियों के मूकदर्शक बने हुए हैं।

मोदी-शाह के भाषणों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली

इसी मामले में कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट मोदी-शाह समेत भाजपा नेताओं पर कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग को निर्देश जारी करे। चुनाव आयोग की बैठक के चलते कोर्ट ने आज होने वाली सुनवाई टाल दी। 

मतदान के बाद मोदी के भाषण की भी शिकायत 
कांग्रेस का आरोप है कि मोदी ने आचार संहिता का उल्लंघन कर अहमदाबाद में मतदान के बाद राजनीतिक भाषण दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि मेरे लिए गौरवपूर्ण पल है कि अपने गृह राज्य गुजरात में वोट दिया, जैसे कुंभ में स्नान कर आनंद मिलता है वैसे ही वोट डालकर आनंद मिलता है। ये सदी पहली बार वोट करने वालों की है। नए मतदाता 100 फीसदी मतदान करें। आतंकवाद का शस्त्र आईईडी है तो लोकतंत्र की ताकत वोटर आईडी है।

सख्ती के बाद आयोग ने 4 नेताओं पर कार्रवाई की थी
15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार में नेताओं के विवादित बयानों पर चुनाव आयोग को फटकार लगाई थी। इसके बाद आयोग ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा प्रमुख मायावती पर 48 और 72 घंटे तक चुनाव प्रचार करने की रोक लगाई थी। इसके कुछ देर बाद ही भाजपा नेता मेनका गांधी और सपा नेता आजम खान पर भी 48 और 72 घंटे तक चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी।

आयोग ने कहा था- कार्रवाई के मामले में शक्तिहीन हैं
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने जब उत्तरप्रदेश में नेताओं द्वारा धार्मिक और विवादित बयान दिए जाने पर आयोग से कार्रवाई के बारे में पूछा तो आयोग ने कहा था कि हम ऐसे मामलों में सिर्फ नोटिस भेजकर जवाब मांग सकते हैं। इस पर नाराज बेंच ने कहा कि वास्तव में आप यह कहना चाह रहे हैं कि आप शक्तिहीन हैं।

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