साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर अचानक उमा भारती से मिलने पहुंच गई

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भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर आज अचानक उमा भारती से मिलने उनके घर पहुंच गई। ये मुलाकात उस वक्त हुई, जब दो दिन पहले ही उमा भारती ने साध्वी को लेकर कटनी में एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि, मैं तो मूर्ख किस्म की प्राणी हूं और साध्वी प्रज्ञा महान संत। ऐसे में इस मुलाकात पर सबकी नजर थी। साध्वी प्रज्ञा जब उमा भारती के घर पहुंचीं तो उन्होंने बड़ी गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। पहले माला पहनाई फिर खीर खिलाकर मुंह मीठा कराया। इस मौके पर उमा भारती ने अपने उस बयान पर सफाई पेश की, जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं तो मूर्ख किस्म की प्राणी हूं और साध्वी प्रज्ञा महान संत हैं। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि, मीडिया में मेरा पूरा बयान नहीं दिखाया गया है। मैंने साध्वी को महामंडलेश्वरी कहा था। उनकी पदवी मुझसे बड़ी है। ऐसे में उनसे नाराजगी की बात पूरी तरह गलत है।

मुलाकात के बाद जब उमा भारती साध्वी प्रज्ञा को उनकी कार तक छोड़ने आईं तो साध्वी प्रज्ञा रोने लगीं। यह देखकर कार में बैठी हुई साध्वी प्रज्ञा को उमा भारती ने गले लगा लिया और उनका माथा चूमकर आंसू भी साफ किए।

गिले-शिकवे मिटाने के बाद उमा भारती ने साध्वी प्रज्ञा से जेल में हुई मुलाकात का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “जब मैं साध्वी प्रज्ञा से 2009 में जेल में मिलने गई थी तो उनकी हालत देखकर विचलित हो गई थी। उन्हें ऐसी प्रताड़ना दी गई थी कि कोई भी टूट जाए। उन्होंने बहुत कष्ट झेले हैं। तत्कालीन गृहमंत्री और दिग्विजय सिंह ने उस वक्त हिंदू आतंकवाद शब्द गढ़ा था। उनकी मंशा यही थी कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर प्रताड़ना से टूटकर जुर्म कबूल कर लें। लेकिन साध्वीजी ने तय कर लिया था कि वो ऐसी बात नहीं बोलेंगी। उनका तीन-तीन बार पॉलिग्राफ टेस्ट हुआ। ऐसे में उन्हें दी गई प्रताड़ना का अंदाजा लगाया जा सकता है। यही वजह कि, मैं उन्हें लोकसभा टिकट दिए जाने से खुश हूं। मैं साध्वी प्रज्ञा के लिए प्रचार करूंगी, वो सोना हैं जो आग में तप कर कुंदन बनी हैं।”
वहीं उमा भारती से हुई मुलाकात के बाद साध्वी ने कहा कि, “उनके आने से मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है, मुझे राजनीति नहीं आती। उनकी उंगली पकड़कर मैं सियासत सीख लूंगी।”

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