हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के आगे नतमस्तक अफसरों व कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है। आशंका है कि राजस्व, आपूर्ति, पुलिस और विकास विभाग के कर्मचारियों से उसकी दोस्ती थी। इसलिए एसआईटी ने तीन साल से पांच विभागों में तैनात रहे अफसरों व कर्मचारियों की सूची मांगी है।
एसआईटी ने बिल्हौर तहसील, पंचायत व शिवराजपुर ब्लॉक में तैनात रहे अफसरों व कर्मचारियों की सूची मांगी है। एसआईटी सूची में दिए गए नाम वाले सभी अफसरों व कर्मचारियों से क्रॉस चेकिंग भी कर सकती है। इसलिए विभाग, नाम, नंबर और अवधि सभी सूची में शामिल किए जाएंगे। जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने सूची तैयार करनी शुरू कर दी है। संबंधित विभागों से जिला प्रशासन ने इनका ब्योरा मांगा है।
संपत्ति, ठेकेदारी और आर्थिक लाभ लिए जाने की मांगी जानकारी
नोएडा के तीनों प्राधिकरणों से विकास दुबे के रिश्तेदारों और मामले के सह अभियुक्तों की संपत्ति का ब्योरा मांगा है। यह भी जानकारी मांगी है कि ये लोग इन प्राधिकरणों से आर्थिक लाभ तो नहीं ले रहे थे।
एसआईटी ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण को पत्र भेजा है। इसमें विकास दुबे के परिजन, रिश्तेदारों व मामले के सह अभियुक्तों के बारे में जानकारी मांगी है। इसमें 18 परिजन व रिश्तेदार व 38 सह अभियुक्त शमिल हैं। एसआईटी ने पूछा है कि इन लोगों के नाम से कोई संपत्ति तो नहीं है। इन लोगों ने सरकारी संपत्ति पर कब्जा तो नहीं किया हुआ है।
अपराधी विकास दुबे से जुड़े लोग प्राधिकरणों से आर्थिक लाभ तो नहीं ले रहे हैं। ये लोग प्राधिकरणों में ठेकेदारी तो नहीं कर रहे हैं। इन तमाम बिंदुओं पर प्राधिकरणों से रिपोर्ट मांगी गई है। यह रिपोर्ट तत्काल मांगी गई है ताकि रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा सके। इस पत्र के बाद प्राधिकरणों में इसकी जांच तेज हो गई है। सभी विभागों से इसका ब्योरा मांगा गया है। इन सभी के नामों को प्रॉपर्टी, ठेकेदारों की सूची आदि में देखा जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही यह रिपोर्ट भेज दी जाएगी।
विकास दुबे के परिजन और रिश्तेदार
देवी प्रकाश दुबे बाबा, रामकुमार दुबे पिता, बृज किशोर दुबे चाचा, सरला दुबे माता, ऋचा दुबे पत्नी, अविनाश दुबे भाई, आशीष दुबे चचेरा भाई, आकाश व शान्तनु दुबे पुत्र, अंजलि दुबे भाई की पत्नी, रामजी व श्याम जी दुबे भतीजे, चंद्रप्रभा व रेखा बहन, दिनेश तिवारी व कमलेश तिवारी बहनोई, अमन तिवारी भांजा, राजखुल्लर साला, संकटा प्रसाद ससुर।