कमलनाथ,दिग्वियज सिंह सहित सभी ने सिर्फ 15 महीने लूटने का काम किया:कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया

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उज्जैन. शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने के बाद पहली बार विधायक अरविंद सिंह भदौरिया मंगलवार रात बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेने उज्जैन पहुंचे। उन्होंने कहा बाबा का आशीर्वाद लिया है अब उपचुनाव की तैयारियों के लिए क्षेत्र में निकलूंगा। इस दौरान उन्होंने कमलनाथ, दिग्वियज सिंह पर जमकर निशाना साधते हुए कहा – इन सभी का एक ही उद्देश्य लूट करना था, 15 साल के भूखे ऑल मिनिस्टर इस काम में टूट पड़े थे।

उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री बनने के बाद मप्र में कहीं भी जाने से पहले बाबा का आशीर्वाद लेने आया हूं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में इसी प्रकार से प्रदेश का विकास होता रहे, यही कामना की है। भदौरिया ने बाबा से प्रार्थना की कि मप्र और देश को कोरोना से जल्द मुक्ति मिले। बाबा का आशीर्वाद लेने के बाद अब हम उपचुनाव के लिए क्षेत्र में निकलेंगे। शिवराज ने दिखा दिया कि टाइगर अभी जिंदा है। एक और टाइगर ज्योतिरादित्य सिंधिया आए हैं। उन्होंने सड़क पर सबको मारकर दिखा भी दिया। मप्र मंे बूथ के जो कार्यकर्ता हैं वे भी किसी टाइगर से कम नहीं हैं। राहुल गांधी जब चुनाव आते थे तो भगवा कपड़े पहनकर जाते थे। दिल्ली में एक डायरेक्टर बैठा हुआ है, ये बस तो एक्टर हैं। भगवान के यहां एक्टिंग नहीं चलती है, यहां आत्मा को भगवान से जुड़ना चाहिए।

कमलनाथ सरकार ने 15 महीने सिर्फ लूटने का काम किया
कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि 15 महीने में जो कमलनाथ ने लूट मचाई थी, जनता के विकास के सपनांे को रोका, संबल योजना को रोका, वे सभी को अब गति मिले। कमलनाथ की झूठी घोषणा लोगों के समझ में आ गई है। किसानों का 2 लाख का कर्ज माफ नहीं किया, बेरोजगारों को 4 हजार रुपए का भत्ता नहीं दिया। साढ़े तीन साल जो बचे हैं, भाजपा अच्छे से सरकार चला रही है। पूर्व वन मंत्री ने मीडिया में कहा था कि इससे भ्रष्ट सरकार अब तक नहीं आई। उन्होंने कमलनाथ से लेकर दिग्विजय सिंह तक आरोप लगाए थे। उन्होंने रेत और माइनिंग तक को लेकर उनके चार मंत्री ऐसा कह चुके हैं। उन्होंने गरीबों की संबल योजना बंद किया, तीर्थदर्शन योजना को बंद किया। कमलनाथ, दिग्विजय से लेकर बाकी सभी का एक ही उद्देश्य था, 15 साल के भूखे भेड़िए की तरह सभी मंत्री टूट पड़े थे। सही परीक्षा तो जनता की अदालत में होगी। इसलिए बढ़े बोल बोलने की जरूरत नहीं है।

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