इंदौर में शुरू होंगे प्राइवेट डेंटल क्लीनिक

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कलेक्टर मनीष सिंह ने ली दंत चिकित्सकों की नेहरू स्टेडियम में बैठक
इंदौर को नई दिशा देने के लिये नागरिकों को जागरुक बनाने के दिये निर्देश
इंदौर 28 मई, 2020
इंदौर में कोरोना के विरूद्ध चल रही जंग में अब सभी प्रायवेट डेंटल चिकित्सक भी अपना सहयोग देंगे। इंदौर में जल्द ही सभी प्रायवेट डेंटल क्लिनिक शुरू हो जायेंगे। कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा इस संबंध में जल्द ही आदेश जारी कर दिये जायेंगे। डॉक्टर्स को अपनी क्लिनिकों की साफ-सफाई और सेनेटाइजेशन तथा अन्य व्यवस्थाओं के लिये आज से ही क्लिनिक खोलने की अनुमति दे दी गई है।
यह जानकारी आज यहां कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा नेहरू स्टेडियम में ली गई प्रायवेट डेंटल क्लिनिकों के दंत चिकित्सकों की बैठक में दी गई। बैठक में सासंद श्री शंकर लालवानी विशेष रूप से मौजूद थे। बैठक में शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.देशराज जैन तथा अन्य पदाधिकारी, डॉ. निशांत खरे, श्री चन्द्रमौलि शुक्ला तथा श्री रोहन सक्सेना भी मौजूद थे।
बैठक में सांसद श्री शंकर लालवानी ने कहा कि इंदौर में स्थिति लगातार सामान्य हो रही है। स्थिति को सामान्य बनाने तथा नागरिकों को जागरुक करने में दंत चिकित्सकों की भी बड़ी जबावदारी है। आज के समय में दंत चिकित्सकों का कार्य बहुत चुनौतीपूर्ण है। दंत चिकित्सकों की वर्तमान समय में आवश्यकता भी है। आज के चुनौतीपूर्ण समय में वे सावधानी बरतते हुये पूर्ण सतर्कता से कार्य करें। शहर को सामान्य एवं सुरक्षित रखने में अपने दायित्वों का निर्वहन करें।
कलेक्टर सिंह ने कहा कि डेंटल क्लिनिक जल्द ही खोले जायेंगे। आदेश जारी कर दिया जायेगा। सभी दंत चिकित्सक आज से ही अपने क्लिनिकों की साफ-सफाई और अन्य व्यवस्थायें शुरू कर दें। सभी डॉक्टरों को क्लिनिक खोले जाने के संबंध में गाइड लाइन का पूरा पालन करना होगा। श्री मनीष सिंह ने डेंटल क्लिनिक खोले जाने के संबंध में गाइड लाइन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इंदौर के हित में है कि सभी डेंटल क्लिनिक खुलें। क्लिनिक में स्वयं तथा आने वाले मरीजों की स्वास्थ्य सुरक्षा रहे यह सुनिश्चित किया जाये। निर्धारित मापदण्डों का पालन हो। उन्होंने कहा कि डॅाक्टर्स स्वयं मॉस्क लगायें। सेनेटाइजेशन नियमित करते रहें, सामाजिक दूरी का पालन सुनिश्चित करें। इस संबंध में नागरिकों को भी जागरुक बनायें। नागरिकों को जागरूक करने में आपकी अहम् भूमिका है। उन्होंने कहा कि वे अपने-अपने क्लीनिकों में सेनेटाइजेशन की समुचित व्यवस्था रखें। क्लीनिक को प्रतिदिन सेनेटाइज करें। क्लीनिक में यथा संभव फोन पर अपाइमेंट लेने वाले मरीजों को प्राथमिकता से देखें। एक समय में चार से अधिक मरीजों को एकत्र नहीं होने दें।
इस अवसर पर सभी चिकित्सकों से कहा गया कि वे ऐसे मरीजों पर भी नजर रखें जिन्हें सर्दी,खाँसी, बुखार के लक्षण हैं। ऐसे मरीजों की जानकारी एप में जरुर दर्ज करें। क्लीनिक में आने वाले सभी मरीजों का थर्मल गन से तापमान लें। साथ ही ऑक्सीमीटर से उनका ऑक्सीजन लेवल भी देखें। इस अवसर पर बताया गया कि सभी चिकित्सक अपनी तथा अपने स्टॉफ की जानकारी एप में रजिस्टर्ड करें जिससे कि उन्हें प्रधानमंत्री कोविड बीमा योजना के अंतर्गत शामिल किया जा सके। कंटेनमेंट एरिया में कोई भी क्लीनिक नही खुलेगा। यदि किसी क्लीनिक का कोई कर्मचारी कटेनमेंट एरिया में रहता हो तो उसे क्लीनिक में कार्य करने की अनुमति नहीं होगी। यथासंभव मरीजों को पूर्व अपाईटमेंट के आधार पर ही क्लीनिक में आने की अनुमति प्रदान जायेगी।
बैठक में डॉ. निशांत खरे ने कहा कि इंदौर में शुरूआत में कोरोना की स्थिति काफी चिंताजनक थी। अब स्थिति में तेजी से सुधार आ रहा है। सभी चिकित्सक सर्वेलेंस के लिये सजग रहें। सर्वेलेंस के कार्य में वे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। सभी डॉक्टर्स कोरोना के संघर्ष में सहभागी बने। उन्होंने कहा कि नागरिकों की जागरूकता पर विशेष ध्यान दें। अंत में दंत चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.देशराज जैन ने भी चिकित्सकों को सम्बोधित किया।
बैठक में बताया गया कि मार्गदर्शी निर्देशों के अनुसार मरीज के पुराने कागजों एवं रिपोर्ट को हाथ न लगायें तथा हर बार नवीन प्रिस्केप्शन लिखे। वेटिंग रूम में एक पोस्टर लगाया जाये जिसमें कोविड-19 से संबंधित सुरक्षा उपयों का विस्तृत उल्लेख हो। क्लिनिक के ओ.पी.डी. का समय यथासंभव कम रखें। सायं 6 बजे के पूर्व क्लिनिक को बंद करना सुनिश्चित करें। सभी डॉक्टर एवं क्लिनिक संचालकों द्वारा प्रशासन द्वारा तैयार किए गए एक एप डाउनलोड कर उसमें पंजीयन कराना अनिवार्य रहेगा। एरोसोल बनाने वाली क्रियाओं जैसे नेबुलाईजर आदि का उपयोग न करें। क्लिनिक के वेटिंग रुम में किताबे, खिलौने तथा अन्य अनावश्यक अनुपयोगी सामग्री न रखें। बैठक में निर्देश दिये गये कि क्लिनिक की साफ-सफाई तथा विसंक्रमण आदि का विशेष ध्यान रखा जाये। क्लिनिक के फ्लोर एवं टायलेट को दिन में दो बार अनिवार्यत: साफ कराएँ।

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