दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘दो पत्ती’ चुनाव चिह्न रिश्वत मामले में अन्नाद्रमुक के पूर्व नेता टी टी वी दिनाकरण के खिलाफ निचली अदालत में सुनवाई पर रोक लगा दी हैं न्यायमूर्ति सुनील गौड़ ने इस मामले में दिनाकरण के खिलाफ आरोप तय करने को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब भी मांगा। दिनाकरण पर आपराधिक साजिश रचने और मामले में सबूतों को नष्ट करने का आरोप लगाया गया है।
उच्च न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में सुनवाई अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाते हुए कहा कि इस मामले को 20 मार्च के लिये सूचीबद्ध कर दिया। दिनाकरण ने पलानीस्वामी नीत अन्नाद्रमुक से निष्कासित किये जाने के बाद अम्मा मक्कल मुनेत्र कषगम (एएमएमके) का गठन किया था।
दिल्ली पुलिस अपराध शाखा ने 2017 में दायर आरोप पत्र में कहा था कि बिचौलिए सुकेश चंद्रसेकर ने दिनाकरण और अन्य के साथ मिलकर ‘दो पत्ती’ चुनाव चिह्न प्राप्त करने के लिये निर्वाचन आयोग के आधिकारियों को कथित रूप से रिश्वत देने की साजिश रची थी।