फरवरी माह में 28 तारीख और चार साल में एक बार 29 तारीख क्यों आती है। अभी तक कई लोगों को इसकी जानकारी नहीं होगी। चलिए आज हम आपको बताते है इस तारीख का राज। हमारी इस स्पेशल रिपोर्ट में।
हम सभी जानते हैं कि एक साल में 365 दिन होते हैं, लेकिन चार साल में एक माह ऐसा भी आता है जब साल के दिनों की संख्या में 24 घंटे यानि एक दिन का इजाफा हो जाता है, और ये साल 365 से बढ़कर 366 दिन का हो जाता है। साल 2020 का फरवरी माह भी 28 की बजाय 29 दिनों का है, इसे लीप ईयर कहते हैं। लीप ईयर क्या होता है, क्यों होता है, इसका हमारी जिंदगी पर क्या असर पड़ता है, इसकी शुरूआत कैसे और क्यों की गई, आइये हम आपको वह सब बताते हैं जो आप लीप ईयर के बारे में जानना चाहते हैं। क्या होता है लीप ईयर।
अधिवर्ष हर चार वर्ष बाद आने वाला वर्ष है। हर चैथे साल में फरवरी के महीने में एक दिन और जुड़ जाता है, जिससे फरवरी 29 दिन की हो जाती है। इस साल को लीप इयर और इस दिन को लीप डे कहते हैं, लीप इयर में 365 की जगह 366 दिन होते हैं। फरवरी साल का सबसे छोटा महीना है, इसमें सिर्फ 28 दिन होते है। पृथ्वी को सूर्य का एक पूरा चक्कर लगाने में 365 दिन, 6 घंटे का समय लगता है, तो ये 6 घंटे चार साल में जुड़ कर 24 घंटे बन जाते है, जिससे 1 लीप डे बन जाता है। अगर हम इस अतिरिक्त दिन को हर चैथे साल में नहीं जोड़ते हैं, तो हर साल कैलेंडर से 6 घंटे हट जाएंगे और फिर हर 100 साल में कैलेंडर से 24 दिन ही गायब हो जायेंगें, इससे पूरे कैलेंडर का क्रम गड़बड़ा जायेगा। त्यौहार, तिथि, यहां तक कि समय भी अलग होता जाएगा। इसे वैज्ञानिक दृष्टि से भी सही वजह मानी गई है, जो कि तथ्यात्मक है।