इंदौर के कलेक्टोरेट में वेदमाता एवं मैकेनिक नगर सहकारी संस्थाओं के पीड़ितों की विशेष जनसुनवाई की गई। जनसुनवाई में 40 साल से पीड़ित सैकड़ों लोग पहुंचे और कलेक्टर लोकेष जाटव को अपनी पीड़ा बताई। इन संस्थाओं के पीड़ित सदस्य और प्रशासन के सामने चुनौती इस बात की है कि इन संस्थाओं की जमीन का अधिग्रहण अपनी स्कीमों के लिए आईडीए ने किया है ऐसी स्थिति में इनके प्रकरण कोर्ट में लंबित है।
मुख्यमंत्री द्वारा पूरे प्रदेश में भूमाफिया के खिलाफ आपरेशन क्लीन चलाया जा रहा है। इंदौर में भी सहकारी संस्थाओं से पीड़ित लोगों के लिए विशेष जनसुनवाई आयोजित की जा रही है। शनिवार को मैकेनिक नगर के पीड़ितों ने बताया कि संस्था के कर्ता-धर्ता घनश्याम रमानी है, लेकिन उन्होंने किसी और व्यक्ति को मोहरा बना रखा है। सभी तरह की डील रमानी करते हैं। रिपोर्ट होने के बाद भी रमानी पर किसी तरह का खौफ नहीं है। पीड़ितों ने बताया कि उन्होंने 1988 में सदस्यता का पैसा भरा था। पीड़ितों ने पुलिस रिपोर्ट भी कि जिसमें प्लाॅट मिलने का आष्वासन दिया गया था, लेकिन आज तक उन्हें प्लाॅट नहीं मिला। पीड़ितों ने इस संस्था में बाॅबी छाबड़ा का नाम होने का भी अनुमान जताया है।
शिकायत करने आए कई पीड़ित तो ऐसे भी है, जिनके माता-पिता प्लाॅट की लड़ाई लड़ते-लड़ते इस दुनिया को अलविदा कह गए। वेदमाता संस्था के पीड़ितों का कहना है कि पैसे जमा करने के बाद भी 40 सालों से अब तक प्लाॅट नहीं मिला और पैसा भी नहीं दे रहे। अब जिला प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई से उम्मीदे जागी है। लेकिन जब तक प्लाॅट नहीं मिल जाता, तब तक पीड़ित परेशान ही रहेंगे और भूमाफिया बेखौफ। कलेक्टर लोकेष जाटव ने बताया कि दोनों ही संस्थाओं के सदस्यों की वरियता सूची बनाई जा रही है, जिसका प्रकाशन कर दावे आपत्ति बुलाई जाएगी।