देश की 100 स्मार्ट सिटी सहित 114 शहरों में केंद्रीय आवास एवं शहरी मंत्रालय जीवन सुगमता सूचकांक यानी ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स-2019 का गोपनीय सर्वे करा रहा है। यह 29 फरवरी तक चलेगा। महापौर मालिनी गौड़ और नेता प्रतिपक्ष फौजिया शेख अलीम ने इंदौर की जनता से अपील की है कि स्वच्छता सर्वेक्षण की तरह ही जीवन सुगमता सूचकांक में सकारात्मक फीडबैक देकर इस क्षेत्र में भी इंदौर को नंबर वन बनवाएं।
जीवन सुगमता सूचकांक की शुरुआत 1 फरवरी को हो गई है। इसके पीछे मंशा है कि शहरों के निवासियों के जीवन को आसान बनाने के प्रयास किए जाएं। जीवन सुगमता सूचकांक के मानदंडों पर किसी शहर का आकलन चार प्रमुख मानकों के आधार पर किया जाता है। इनमें संस्थागत प्रबंधन, सामाजिक, आर्थिक स्थिति और बुनियादी ढांचे की स्थिति शामिल है। शहर की जनता ने जिस तरह स्वच्छता सर्वेक्षण में तीन बार नंबर वन बनाया है, उसी तरह सूचकांक में सकारात्मक फीडबैक देकर नंबर वन बनाएं। यह बात महापौर मालिनी गौड़ ने रविवार को नेहरू स्टेडियम स्थित स्मार्ट सिटी मुख्यालय में कही। वहीं नेता प्रतिपक्ष फौजिया अलीम ने कहा जीवन सुगमता सूचकांक के लिए 85 पार्षदों की निगम को तुरंत बैठक बुलाना चाहिए। उन्हें सर्वे के बारे में पूरी समझाइश दी जाए, क्योंकि पार्षद वार्ड से जमीनी तौर पर जुड़े होते हैं।
पार्षद सर्वे के लिए सकारात्मक और सही सीख दे सकते हैं। महापौर ने कहा कि 2018 में जारी जीवन सुगमता सूचकांक में आठवें स्थान पर था। शहरवासी सर्वे टीम के समक्ष फीडबैक दे सकते हैं। सर्वेक्षण टीम 24 प्रश्नों के फीडबैक भराएगी। केंद्र की टीम सर्वे के लिए जनता से सीधे संवाद करेगी। इसमें 97 तरह के बिंदुओं के आधार पर सर्वे होगा। डाटा कलेक्शन के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती ने सभी विभागों के अधिकारियों को नोडल अधिकारी को डाटा उपलब्ध कराने को कहा है। शहर में इसकी जागरूकता के लिए जल्द ही मॉल, राजबाड़ा, 56 दुकान सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों पर नुक्कड़ नाटक किए जाएंगे। ह सर्वे दूसरी बार हो रहा है। पहली बार 2018 में पुणे शुद्ध हवा, पानी, सुरक्षा, संरक्षा, रोजगार, आवास, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और मजबूत बुनियादी सुविधाओं के आधार पर नंबर वन आया था। इसी आधार पर इंदौर आठवें और भेापाल 10वें नंबर पर था। इसके परिणाम स्वच्छता सर्वेक्षण के साथ मार्च-अप्रैल में आएंगे।