मकर सक्रांति का महापर्व इस वर्ष सितारों के चाल के कारण 15 जनवरी को मनाया जाएगा। इस पर्व की एक और खासियत है जिसमें मकर संक्रांति के कई दिन पहले से पतंगबाजी के शौकीन पतंग खरीदने और पतंगबाजी करते नजर आने लगते है। 14 और 15 जनवरी को तो देशभर में दिन भर पतंगबाजी होती है। शहर के सभी हिस्सों का आसमान रंग बिरंगी पतंगों से भर जाता है। आइए ले चलते हैं आपको इंदौर के पतंग बाजार में जहां पर रंग बिरंगी और राजनीतिक पतंगों से बाजार पटा पड़ा है।
आसमान में जीत हासिल करने के लिए पतंग और मांझा भी सूत कर तैयार है। बुधवार सुबह से ही पतंग बाज मैदान और छतों पर डट जाएंगे। हालांकि इसकी षुरूआत आज से हो गई है। सुबह से ही काटा है, बढ़ा रे, उड़न ची दे, ढील दे ढील दे और जल्दी खींच जल्दी खींच जैसे शब्दों से शहर गूंजने लगा। ये वो षब्द है जो इंदौर सहित मालवा निमाड़ में पतंग उड़ाते वक्त छत से सुने जा सकते है। मकर सक्रांति के पावन पर्व पर अपनी आठवीं पीढ़ी से जो पूरे साल पतंग बना कर बेचता है। उनका कहना है कि इस बार पतंग का बाजार बहुत अच्छा चल रहा है। बच्चों से लेकर जवान तक सभी की वैरायटी की पतंगे बाजार में उपलब्ध है। वही पतंगबाजों का भी कहना है कि वह कई वर्षों से पतंगबाजी करा कर रहे हैं। उन्हें पतंग उड़ाने में बहुत मजा आता है। खासकर जब सामने वाले की पतंग कट जाती है तो उस बात का फिर कहना ही क्या। तिल लड्डू के साथ पतंग के आनंद के साथ पूरा परिवार दिन भर छत पर रहता है और वहीं पर चाय नाश्ता होता है।