इंदौर के सेंट्रल जेल में अपने गुनाहों की सजा काट रहे कैदियों के लिए 5 जनवरी से लेकर 11 जनवरी तक पंडित हरिओम शरण जोशी द्वारा कथावाचक की जा रही है।
कथावाचक में महिला और पुरुष कैदियों द्वारा अपने जीवन में किए गए गुनाहों के पष्चाताप के लिए आयोजन किया गया। को किस प्रकार अपने जीवन में दोबारा कभी ना किसी प्रकार का अपराध या गुनाह ना करने का भी कथावाचक के माध्यम से संकल्प दिया गया। बड़ी संख्या में सेंट्रल जेल में अपने गुनाहों की सजा काट रहे कैदियों ने भी पंडित हरि ओम जोशी द्वारा कथा के माध्यम से अपने जीवन में किस प्रकार सुधार लाना है, और गुनाहों की सजा काटने के बाद जेल से छूटते ही एक अच्छे नागरिकता की तरह अपना जीवनयापन करना एवं समाज और परिवार के लिए कुछ कर गुजरने का संकल्प भी लिया गया।