कुंतीबाई की खुली मोची की दुकान, 2 घंटे में कमाये 100 रूपये,पढ़िये उसकी दर्द भरी दास्तान
नारायणपुर। माथे का सिंदूर, गले का मंगल सूत्र, हाथ की मेंहदी और पांव का महावर सब कुछ उजड़ गया, सजना-संवरना सब कुछ भूल गई। लेकिन वो एक बात नहीं भूली लोगों के जूते-चप्पल संवारना। ये दास्तान उस पत्नी की है, जिसके पति का लगभग 22-23 साल पहले निधन हो गया, जिसके कारण वह और गरीब […]
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